संयुक्त राष्ट्र ने विश्व के समृद्ध देशों को सलाह दी है कि वे अपने देशों में अप्रवासियों को आने दें अन्यथा ऐसे देश जनसंख्या में कमी और आर्थिक स्तर में कमी से जूझेंगे। ऐसे देश यदि वैध रूप से अप्रवासियों को अपने देश में प्रवेश नहीं करने देंगे तो अवैध रूप से आने वाले अप्रवासियों को ये किसी भी तरह रोक नहीं पाएंगे।
संयुक्त राष्ट्र के अध्यक्ष गुटेरेस ने कहा कि जो देश अप्रवासियों को स्वीकार नहीं कर रहे हैं, वो अपनी ही हानि कर रहे हैं और कहा कि अप्रवासियों को स्वीकार करने की नीति फायदों को बढ़ाती हैं और ऐसा करने से मानव तस्करी करने वाले संगठनों को भी रोका जा सकता है। 11 जनवरी, 2018 को संयुक्त राष्ट्र के अध्यक्ष एंटोनियो गुटेरेस ने 11 जनवरी, 2018 को संयुक्त राष्ट्र महासभा में एक रिपोर्ट प्रस्तुत की जो कि इस वर्ष सुरक्षित, व्यवस्थित और नियमित अप्रवास हेतु बातचीत के लिए आधार का काम करेगी।
संयुक्त राष्ट्र के अध्यक्ष ने कहा कि प्रवासन अप्रवासी और मेजबान समुदाय दोनों के हित में होता है। यह हमारा व्यापक उत्तरदायित्व है कि अप्रवास से उत्पन्न होने वाले विकल्पों को विस्तृत करें।
संयुक्त राष्ट्र की अंतरराष्ट्रीय अप्रवास विशेष प्रतिनिधि लुइस आरबटर ने कहा कि ये रिपोर्ट इस विचार को बदलने का कार्य करेगी कि अप्रवासी केवल नौकरियों को हड़प लेते हैं तथा रिपोर्ट को इस मसले में भी सहायक होना चाहिए कि अप्रवास की नीतियां तथ्यों पर आधारित हों ना कि कल्पना पर।
उन्होंने कहा कि यदि विकसित देश कुल अप्रवास को शून्य के स्तर पर ले जाए, जहां अप्रवासी और उत्प्रवासी की संख्या बराबर हो, तो वहां वर्ष 2020 से वर्ष 2025 तक जनसंख्या में नौ प्रतिशत की कमी आ जाएगी। यह स्थिति आर्थिक प्रगति के लिए हानिकर साबित होगी।