जेरूसलम को इजराइल की राजधानी के रूप में मान्यता देने के अमेरिका के निर्णय के विरुद्ध प्रस्ताव पर भारत तथा विश्व के अन्य 127 देशों ने संयुक्त राष्ट्र में मतदान किया। कुल 9 देशों ने इस प्रस्ताव के विरुद्ध मतदान किया तथा 35 देशों ने अपने आप को इस मतदान से अलग रखा। भले ही अमेरिका अपने इस निर्णय को लेकर अलग-थलग पड़ गया परंतु, पश्चिमी तथा अरब देशों के सहयोगी देशों ने अमेरिका के पक्ष में मतदान कर उसे अकेला पड़ने से बचा लिया। 193 सदस्यों वाले संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका की राजदूत निकी हेली ने महासभा के प्रस्ताव की आलोचना की। निकी हेली ने कहा कि, अमेरिका इस दिन को याद रखेगा जब एक संप्रभु देश के तौर पर अपने अधिकारों का उपयोग करने की वजह से संयुक्त राष्ट्र महासभा में उस पर एकतरफा हमला हुआ। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस प्रस्ताव के पक्ष में वोट करने वाले देशों के अनुदान में कटौती की धमकी दी है।