वर्ष 2000 से अंतरराष्ट्रीय प्रवासियों की कुल संख्या में 49 प्रतिशत का इजाफा हुआ, जब वैश्विक जनसंख्या में 23 प्रतिशत की वृद्धि हुई। परिणामस्वरूप वैश्विक जनसंख्या में प्रवासियों की संख्या में 2.8 से 3.4 प्रतिशत की वृद्धि हुई। यह आंकड़े संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट ‘मेकिंग माइग्रेशन वर्क फॉर ऑल’ में दर्शाए गए। इस रिपोर्ट में बाहरी व्यक्तियों से भय की राजनीति पर चिंता दर्शायी गई तथा यह भी कहा गया कि विश्व के अलग-अलग भागों में अत्यधिक लोगों के एक साथ अपना स्थान छोड़ देने के कारण अनियमित अप्रवास एक बड़ी समस्या बन गई है।
रिपोर्ट के अनुसार, ‘‘हमारे पास स्पष्ट साक्ष्य हैं, जो कि दर्शाते हैं कि कई समस्याओं के बावजूद अप्रवास व्यक्तियों तथा मेजबान देशों के लिए आर्थिक तथा सामाजिक स्तर पर लाभप्रद है। यह हमारी व्यापक जिम्मेदारी है कि हम अप्रवास के कारण उत्पन्न होने वाले विकल्पों का विस्तार करें।’’ यह रिपोर्ट संयुक्त राष्ट्राध्यक्ष एंटोनियों गुटेरेस के दृष्टिकोण-अंतरराष्ट्रीय रचनात्मक सहयोग, जिससे यह खोजा जा सके कि किस प्रकार अप्रवास का बेहतर प्रबंधन किया जा सके, को भी दर्शाती है।