लोक प्रतिनिधित्व (संशोधन) विधेयक 2017

लोक प्रतिनिधित्व (संशोधन) विधेयक 2017 सरकार द्वारा संसद में रखा गया है

विधेयक में अनिवासी भारतीयों (एनआरआई) को अपनी शर्तों पर देश की चुनावी राजनीति में एक निर्णायक बल के रूप में उभरने की अनुमति देने का प्रस्ताव है

यह संशोधन लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 20 ए द्वारा प्रस्तुत एक “अनुचित प्रतिबंध” को हटाने का मार्ग प्रशस्त करता है, जो विदेशी मतदाताओं को अपने मतों का प्रयोग करने के लिए अपने निर्वाचन क्षेत्रों में शारीरिक रूप से उपस्थित होने को अनिवार्य करते हैं

इस अधिनियम की धारा 20 ए में मतदाता सूची में विदेशी मतदाता पंजीकरण और शामिल किए जाने के लिए धाराएं प्रदान की गयी हैं

निर्वाचक पंजीकरण नियमन,1960, विदेशी निर्वाचकों को विदेशी पासपोर्टों और वैध वीजा के आत्म-साक्षांकित प्रतियों के आधार पर अपने मतदाता सूची में खुद को पंजीकृत करने का अधिकार प्रदान करता है, और मूल पासपोर्ट के दिखाने पर व्यक्तिगत रूप से मताधिकार का प्रयोग देता है

इस प्रकार, नियमों में मतदान के दिन भारत में अपने संबंधित मतदान केंद्रों में विदेशी मतदाताओं की भौतिक उपस्थिति जरुरी होती है इससे विदेशी मतदाताओं को कठिनाई आती है

इस संशोधन में मतदाताओं के बहार रहा कर मतदान की सुविधा प्रदान करने का प्रस्ताव है, जो कि, प्रॉक्सी द्वारा मतदान करता है, जिससे ऐसे मतदाता अपने मताधिकार का उपयोग विदेशों में अपने निवास स्थान से कर सकते हैं

इस कदम का महत्व

अगर विधेयक पारित हो जाते हैं, तो विदेशों में मतदाता अपनी ओर से अपने मतों को डालने के लिए एक प्रॉक्सी नियुक्त कर सकते हैं

चुनाव नियमों के आचरण, 1961 में कुछ शर्तों को निर्धारित किया जा सकता है

यह संभवतः वर्तमान में विदेशी निर्वाचकों को अपने मताधिकार का प्रयोग करने में आने वाली कठिनाइयों को कम करने में सक्षम होगा

 

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