प्रशासनिक निर्णयों पर विवादों के जल्द निपटारे के लिए तथा अनावश्यक मुकदमेबाजी से बचने के लिए सरकार एक ऑनलाइन व्यवस्था बनाने पर काम कर रही है। इस योजना में अनोखी बात यह है कि कानून मंत्रालय ऐसे विवादों में हस्तक्षेप कर कानूनी सलाह ऑनलाइन देगा जिससे विवादों को जल्द निपटाया जा सके। यह सब एक सरकारी पोर्टल पर किया जाएगा। इसके अंतर्गत कोई भी ऐसा व्यक्ति जो सरकार के निर्णय से खिन्न हो, इस मुद्दे को ऑनलाइन उठा सकता है। एक बार शिकायत दर्ज हो जाने पर विधि मंत्रालय संबद्ध विभाग या मंत्रालय से जवाब मांगेगा। इसके बाद विधि मंत्रालय कानूनी सलाह देगा जिससे विवादों को सुलझाया जा सके। यह सब मुकदमे से पहले किया जाएगा। इस निर्णय के पीछे मुकदमों की संख्या को कम करने का उद्देश्य है। प्रशासनिक निर्णयों पर विवादों को कोर्ट में ले जाए जाने पर वर्षों बीत जाते हैं परन्तु विवाद सुलझ नहीं पाते। यदि सम्बद्ध विभाग विधि मंत्रालय द्वारा कानूनी सलाह दिए जाने के बाद भी अपनी गलती को ठीक नहीं कर पाता है तो पथभ्रष्ट अधिकारी के विरुद्ध आदेश दिया जा सकता है। विधि मंत्रालय द्वारा दी गई कानूनी सलाह पब्लिक डोमेन में होगी, जिसे शिकायतकर्ता द्वारा न्यायालय में प्रयुक्त किया जा सकता है और संबद्ध सरकारी विभाग की अनुपयुक्तता को प्रदर्शित किया जा सकता है।

सरकार इस सेवा को जनता तक पहुंचाने के लिए लीगल इंफोर्मेशन मैनेजमेंट एंड ब्रीफिंग सिस्टम (एलआईएमबीएस) का उपयोग कर सकती है। प्रधानमंत्राी डिजिटल इंडिया मिशन के साथ एलआईएमबीएस एक वेब बेस्ड ऑनलाइन टूल है जो न्यायालय में मुकदमों की पारदर्शी तथा सक्रिय निगरानी कर सके। वर्तमान में यह पोर्टल कार्य कर रहा है तथा वकीलों के लिए उपलब्ध है। इसे जनता के लिए उपलब्ध कराने की योजना है, जिससे विवादों को सुलझाया जा सके।

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