2 जनवरी, 2018 को संसद के शीत सत्रा का आरंभ हंगामे के साथ हुआ परन्तु राज्यसभा ने कामकाज को निपटाने का एक रिकॉर्ड बना डाला। प्रश्नकाल में पंद्रह वर्षों में पहली बार सभी तारांकित सवालों को निपटाने में सफलता प्राप्त की गई। ऐसा मौका वर्ष 2002 में राज्यसभा के 197वें सत्रा के दौरान आया था जब सभी मौखिक प्रश्नों के उत्तर दिए गए थे। यद्यपि जिन 20 सांसदों के नाम तारांकित सवालों से जुड़े थे, उनमें से दस अनुपस्थित थे। शून्यकाल में डेढ़ दर्जन सांसदों को अपने मुद्दे उठाने से लेकर बात कहने का भी मौका मिला। सभापति ने प्रश्नकाल में कई सदस्यों को मंत्रियों से कुछ अनुपूरक प्रश्न पूछने का मौका भी दिया। एक घंटे के प्रश्नकाल का अंत अक्सर मंत्राी के आधे जवाब या सांसद के प्रश्न पूछने के बीच ही हो जाता है, लेकिन 2 जनवरी, 2018 को सारे सवाल-जवाब हुए।