इतिहास की किसी भी परीक्षा में ऐतिहासिक मानचित्र बेहद महत्वपूर्ण स्थान रखते हैं। यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा (मुख्य परीक्षा के वैकल्पिक विषय के रूप में इतिहास) में एक अलग खण्ड होता है जिसमें अभ्यर्थी से मानचित्र पर ऐतिहासिक स्थल ढूंढने और उन स्थलों के बारे में संक्षिप्त विवरण देने को कहा जाता है। यह पुस्तक इस परीक्षा में इतिहास को वैकल्पिक विषय के रूप में चयन करने वाले अभ्यर्थियों की आवश्यकता को पूरा करने के लिए विशिष्ट रूप से तैयार की गई है। पुस्तक संबंधी विशिष्ट तथ्य हैं—

  • पुस्तक में मानचित्रों के तीन समुच्चय प्रस्तुत किए गए हैं जो (i) प्रागैतिहासिक समय से लेकर स्वतंत्रता पश्चात के भारत; (ii) भारत के ऐतिहासिक स्थानों के स्थल; और (iii) भारतीय इतिहास तथा संस्कृति के विशिष्ट पहलुओं से संबंधित स्थलों, को दर्शाते हैं। मानचित्रों के पहले दो समुच्चयों में प्रदत्त मानचित्रों के साथ वर्णनात्मक पाठ्य सामग्री दी गई है जो मानचित्र के तीसरे समुच्चय के अध्ययन हेतु पर्याप्त होगी।
  • मानचित्र पर ऐतिहासिक स्थलों को प्राचीन एवं मध्यकालीन भारत में विभाजित नहीं किया गया है, जैसाकि परीक्षा के दृष्टिगत अभ्यर्थी को केवल ऐतिहासिक महत्व के स्थान की अवस्थिति चिह्नित करने के लिए कहा जाएगा।
  • स्थलों को अंग्रेजी वर्णमाला के अनुरूप व्यवस्थित किया गया है और प्रत्येक समूह को एक साथ मानचित्र पर चित्रित किया गया है। प्रत्येक स्थल के बारे में वर्णनात्मक जानकारी उसके ऐतिहासिक एवं सांस्कृतिक महत्व और बेहद आवश्यक लक्षणों की झलक प्रदान करती है। पाठक को स्थलों की व्यवस्थित शृंखला सहायक प्रतीत होगी, और उसे स्थलों को सुगमता से चिह्नित करने में मदद करेगी।
  • 400 से अधिक स्थलों का संकलन किया गया है।
  • विभिन्न स्थलों की अवस्थिति स्मरण रखने के लिए उपयोगी दिशानिर्देश दिए गए हैं ताकि खाली मानचित्र पर स्थलों को सटीकता के साथ चिह्नित किया जा सके, या मानचित्र पर संख्या के द्वारा अंकित स्थलों की पहचान की जा सके।
  •  बड़ी संख्या में अभ्यासमाला (हाल ही में परीक्षा में पूछे गए प्रश्नों सहित) उत्तर सहित दी गई है।
  • अभ्यर्थियों/विद्यार्थियों हेतु सहायक सामग्री प्रदान करने के लिए विषय का गहन शोध एवं अध्ययन किया गया है।

यद्यपि पुस्तक को सिविल सेवा मुख्य परीक्षा में इतिहास के वैकल्पिक विषय का चयन करने वाले विद्यार्थियों हेतु तैयार किया गया है, तथापि भारतीय इतिहास में मानचित्रों के अध्ययन वाली अन्य परीक्षाओं के अभ्यर्थियों के लिए भी यह उपयोगी सिद्ध होगी।

 

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