भारत एक बड़ा देश होने के कारण, विभिन्न भौगोलिक विशेषताएं रखता है। भारत में प्राचीन एवं नवीन पर्वत शृंखलाएं; सदानीरा एवं मौसमी नदियां; मरुस्थल, मैदान, ऊबड़-खाबड़ घाट और सुंदर बालू तट; कछारी से लेकर काली, लाल एवं लेटराइट मृदा; हिमपात, चक्रवात और अकाल; उष्णकटिबंधीय से लेकर समशीतोष्ण वनस्पति जैसी सभी भौगोलिक एवं प्राकृतिक विविधताएं पायी जाती हैं। भारत में आर्थिक महत्व के प्रचुर एवं विविध संसाधन हैं, हालांकि इनका वितरण असमान है। भारत के लोगों में, प्राकृतिक संपन्नता एवं विविधता की तरह ही, सांस्कृतिक, प्रजातीय, धार्मिक, भाषायी एवं रीति-रिवाजों के संदर्भ में, बेहद विविधता है। भारत का भूगोल देश के इन सभी (आर्थिक, भौतिक, मानवीय, सांस्कृतिक इत्यादि) पहलुओं को अभिव्यक्त करता है। पुस्तक के महत्वपूर्ण बिंदु इस प्रकार हैं—

  • इस पुस्तक में विभिन्न भौगोलिक विशेषताओं—भौतिक एवं मानवीय (जिसमें आर्थिक एवं सामाजिक दृष्टिकोण सम्मिलित होते हैं) का संपूर्ण उल्लेख करने का प्रयास किया गया है।
  • सभी विषयों पर संक्षिप्त विश्लेषण इस प्रकार किया गया है, जिससे सभी महत्वपूर्ण पहलुओं का इसमें सम्मिलन हो जाता है।
  • जहां समीचीन एवं अपरिहार्य प्रतीत हुआ है, उचित मानचित्रों एवं आरेखों का समावेश किया गया है।
  • भारतीय भूगोल से सम्बद्ध समसामयिक एवं नवीन नीतियों, कार्यक्रमों एवं सूचना तथा आंकड़ों को परिशिष्ट में दिया गया है।
  • पुस्तक को यूपीएससी सिविल सेवा (प्रारंभिक एवं मुख्य) परीक्षा के पाठ्यक्रम की आवश्यकताओं, और साथ ही यूजीसी नेट तथा स्लेट (SLET) जैसी अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं के दृष्टिगत तैयार किया गया है।

 

 

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