यूनेस्को की वर्ष 2017-18 की ग्लोबल एजुकेशन मॉनिटरिंग रिपोर्ट के अनुसार, बहुत से देश अपनी पाठ्यपुस्तकों में शांति, अहिंसा आदि पढ़ाने की जगह युद्धों का महिमामंडन कर रहे हैं। रिपोर्ट के अनुसार, विश्व में मात्रा 10 प्रतिशत किताबों में विवादों से बचने तथा सुलझाने से संबंधित विचार दिए जाते हैं।
रिपोर्ट पाकिस्तान की किताबों का उदाहरण देती है जिसमें सेना, भारत से युद्ध तथा हिन्दू-मुस्लिमों के बीच भेद को सम्मिलित किया गया है। रिपोर्ट के अनुसार, सेना के वीरों का, युद्धों का महिमामंडन करने से, अन्य लोगों के मूल्यों को कम करके पढ़ाए जाने के कारण शांति तथा अहिंसा के पाठ पढ़ाया जाना अत्यंत कठिन हो जाता है।
पाकिस्तान की पाठ्यपुस्तकों में वर्ष 2006 में सुधार किए जाने के बावजूद भारत के साथ युद्धों पर बहुत अधिक विषय-वस्तु दी जाती है और शांति से संबंधित विषय को पाठ्यपुस्तक में सम्मिलित नहीं किया जाता। रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत की पुस्तकों में भी मुस्लिमों से भेदभाव करती हुई बातेें सम्मिलित की जाती हैं। बच्चों के मन पर पुस्तकों में पढ़ाई गई सामग्री का बहुत गहरा असर होता है, इसलिए बच्चों की पुस्तकों में शांति तथा अहिंसा को शामिल किया जाना चाहिए।