केंद्र सरकार ने 5 जनवरी, 2018 को लोकसभा में नवीन उपभोक्ता संरक्षण विधेयक, 2017 प्रस्तुत किया। विधेयक में विभिन्न प्रावधान किए गए हैं। इसके प्रावधानों के तहत् कंपनियों द्वारा भ्रामक विज्ञापन जारी करने और मिलावट करने पर जुर्माना और जेल की सजा हो सकेगी। यही नहीं, विधेयक में भ्रामक विज्ञापन करने वाले सेलिब्रिटी पर भी जुर्माने और तीन साल तक प्रतिबंध का प्रावधान किया गया है।
उल्लेखनीय है कि केंद्र सरकार द्वारा नए उपभोक्ता संरक्षण विधेयक को दिसम्बर 2017 में मंजूरी प्रदान की गई थी। विधेयक में शामिल प्रावधान इस प्रकार हैं
- उत्पाद निर्माता और कंपनियों पर पहले अपराध में 10 लाख रुपए तक का जुर्माना और दो साल की जेल का प्रावधान किया गया है।
- दूसरी बार और आगे किए जाने वाले अपराधों पर 50 लाख रुपए तक का जुर्माना और पांच वर्ष तक की जेल का प्रावधान है।
- विधेयक के अंतर्गत मिलावट की स्थिति में जुर्माने सहित उम्रकैद की सजा का प्रावधान किया गया है।
- उपभोक्ता संरक्षण विधेयक 2017 की संसद में प्रस्तुति से 2015 में पेश विधेयक की वापसी का मार्ग प्रशस्त हो गया है।
- विधेयक में वर्तमान कानूनों के दायरे को बढ़ाते हुए उन्हें और प्रभावी व उद्देश्यपरक बनाया गया है।
- विधेयक में उपभोक्ता अधिकारों की रक्षा के लिए केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (सीसीपीए) की स्थापना का भी प्रावधान है। साथ ही इसमें वैकल्पिक विवाद निवारण तंत्रा के रूप में मुकदमें के बाद भी मध्यस्थता का प्रावधान किया गया है।
- विधेयक में ‘भ्रामक विज्ञापन और ई-कॉमर्स व्यापार’ के नियमन हेतु प्रावधान किए गए हैं।
- इस विधेयक से उपभोक्ता सशक्तिकरण पर बल दिया गया है।
- उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण का गठन त्वरित निपटान के लिए कार्यकारी शक्तियों के साथ किया जाएगा।