वर्ल्ड इकोनोमिक फोरम (डब्ल्यूईएफ) ने ग्लोबल मैन्युफैक्चरिंग इंडेक्स के पैमाने पर भारत को 30वां स्थान दिया है। यह रैंकिंग वर्ल्ड इकोनोमिक फोरम की रिपोर्ट रेडिनेस फॉर द फ्यूचर ऑफ प्रोडक्शन रिपोर्ट में यह रैंकिंग दी गई है। चीन पांचवे स्थान पर है तथा ब्रिक्स देश ब्राजील, रूस और दक्षिण अफ्रीका भारत से निचले स्तर पर हैं।
इस रिपोर्ट में जापान का उत्पादन ढांचा सर्वोत्तम पाया गया है। इसके बाद दस सर्वोत्तम देशों की सूची में दक्षिण कोरिया, जर्मनी, स्विट्जरलैंड, चीन, चेक रिपब्लिक, अमेरिका, स्वीडन, ऑस्ट्रिया तथा आयरलैंड हैं। डब्ल्यूईएफ के अनुसार, भारत विश्व का सबसे बड़ा उत्पादक देश है। इस रिपोर्ट में 100 देशों को 4 श्रेणियोंµअग्रणी (लीडिंग), बेहतर संभावना (हाई पोटेंशियल), विरासत (लिगैसी) और उदीयमान (नैसेंट) में बांटा गया है। लीडिंग का अर्थ है जिन देशों का वर्तमान आधार मजबूत है और भविष्यफल के प्रति मुस्तैदी अधिक है; हाई पोटेंशियल में उन देशों को रखा गया है जिनमें वर्तमान आधार सीमित है लेकिन भविष्य के लिए पोटेंशियल अधिक है; लिगैसी में वो देश हैं जिनका वर्तमान आधार तो मजबूत है लेकिन भविष्य में खतरा दिखाई पड़ता है। इस श्रेणी में भारत को रखा गया है; वहीं नैसेंट में वे देश सम्मिलित हैं, जिनमें सीमित वर्तमान आधार के साथ भविष्य में भी कम क्षमताएं दिखाई पड़ती हैं। लीगैसी में भारत के साथ हंगरी, मैक्सिको, फिलीपींस, रूस, थाईलैंड और तुर्की सम्मिलित हैं। चीन को लीडिंग कैटेगरी में तथा ब्राजील व दक्षिण अफ्रीका को चौथी कैटेगरी नैसेंट में रखा गया है। रिपोर्ट में आधुनिक औद्योगिक रणनीतियों के विकास का विश्लेषण किया गया है और इसमें सामूहिक कार्रवाई पर जोर दिया गया है। डब्ल्यूईएफ ने भारत के लिए कहा है कि यह दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था है और भारत में विनिर्मित उत्पादों की मांग लगातार बढ़ रही है। पिछले तीन दशकों में भारत का विर्निर्माण क्षेत्रा सालाना आधार पर औसतन 7 प्रतिशत बढ़ा है। देश के सकल घरेलू उत्पाद में विर्निर्माण क्षेत्रा का 16 से 20 प्रतिशत तक योगदान है।