प्रस्तुत पुस्तक हिंदी की व्यापक आवश्यकता की पूर्ति के दृष्टिगत लिखी गई है। यह एक ओर सरकारी कार्यालयों/मंत्रलयों एवं गैर-सरकारी तथा अर्द्ध-सरकारी विभागों में राजभाषा हिंदी की वर्तमान वैधानिक प्रयोगधर्मी अपरिहार्यता के परिप्रेक्ष्य में व्यावहारिक एवं व्यावसायिक हिंदी की जटिलताओं एवं आवश्यकताओं का समाधान करेगी। वहीं दूसरी ओर सिविल सेवा परीक्षा एवं अन्य विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं के अभ्यर्थियों की परीक्षागत जरूरतों को पूरा करेगी। इसमें विभिन्न अध्यायों के अंतर्गत हिंदी भाषा के स्वरूप, इतिहास एवं विकास, भारत सरकार की राजभाषा नीति, हिंदी राजभाषा संबंधी नियम, उप-नियम, मंत्रलयों द्वारा जारी आदेश, अनुदेश, आज्ञाएं इत्यादि, व्याकरणिक पहलू, ध्वनिक एवं वाक्गत स्वरूप, अनुवाद संबंधी समस्याएं, सरकारी क्षेत्र में पत्रचार, अनुज्ञा, आवेदन, टिप्पण, संक्षिप्तीकरण इत्यादि का उल्लेख किया गया है।

यह पुस्तक यूपीएससी सिविल सेवा एवं राज्य सिविल सेवा के अभ्यर्थियों के साथ-साथ अन्य प्रतियोगी अभ्यर्थियों, शोधार्थियों, सेवारत कार्मिकों एवं हिंदी भाषा में रुचि रखने वाले पाठकों की जरूरतों को पूरा करने का प्रयास करती है।

 

 

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