सरकार ने दिसंबर 2017 में सब्सिडी के लिए आधार-लिंक्ड बैंक खातों की मैपिंग की प्रक्रिया को बदलने के लिए बैंकों और भारत के राष्ट्रीय भुगतान निगम (एनपीसीआई) को निर्देश देने के लिए एक अधिसूचना जारी की। सरकार ने आधार-लिंक्ड बैंक खातों को सब्सिडी भुगतान हेतु मैप करने के लिए अपनी प्रक्रिया के अलावा वर्तमान में सब्सिडी से जुड़े बैंक खातों के मौजूदा अधिग्रहण के प्रावधान को अस्थाई रूप से रोक दिया है।
यह बदलाव शीर्ष दूरसंचार सेवा प्रदाता भारती एयरटेल पर लगे आरोपों के बाद किया गया। कंपनी पर यह आरोप लगाया गया था कि कंपनी ने बैंकों द्वारा अनिवार्य किए गए इलेक्ट्रॉनिक केवाईसी में दी गई जानकारी का प्रयोग बिना आधार धारक की सहमति के किया था। यह आरोप भी लगाया गया था कि खातों की मैपिंग कर सब्सिडी की राशि निर्देशित कर दी जाएगी तथा यह बिना बैंक धारक को सूचित किए किया जाएगा। एक अधिसूचना में यूनीक आइडेंटिफिकेशन अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने कहा है कि भारत का राष्ट्रीय भुगतान निगम आधार धारकों के उन्हीं अनुरोध को स्वीकार करेगा जिसके बैंक का नाम एपीबी (आधार पेमेंट ब्रिज) मैपर पर होगा तथा यह अनुरोध बैंक द्वारा भी सत्यापित किया जाएगा कि बैंक को मैपर पर उपस्थित बैंक को चुनने हेतु आधार धारक की अनुमति प्राप्त है।
इसमें यह भी कहा गया है कि नई प्रक्रिया लागू होने तक एनपीसीआई तुरंत एपीबी मैपर पर ओवरराइड सुविधा को अक्षम कर देगी। अधिसूचना में कहा गया है, बैंक एक नए खाते के मानचित्राण या मौजूदा बैंक खाते को एनपीसीआई को अपने ग्राहकों की स्पष्ट सूचित सहमति के बाद ही अधिलेखित करने के लिए अनुरोध करेगा। किसी भी प्रकार से इन निर्देशों का उल्लंघन आधार एक्ट 2016 की धारा 37, 40, 41, 42 और 43 का उल्लंघन माना जाएगा। दो महीनों के रसाई गैस सब्सिडी के लगभग 4.7 मिलियन ग्राहकों के 167 करोड़ रुपए एयरटेल पेमेंट बैंक खातों में भेजे गए थे। भारती एयरटेल पर आरोप लगने के बाद यूआईडीएआई को अस्थाई रूप से एयरटेल और उसके भुगतान बैंक को मोबाइल सत्यापन के लिए लिंक करने या नए खातों को खोलने के लिए आधार का उपयोग करने पर रोक लगा दी गई है। एयरटेल के अनुसार, 2.5 करोड़ रुपए का अंतरिम जुर्माना जमा करा दिया गया है तथा कंपनी द्वारा यह आश्वासन भी दिया गया है कि 190 करोड़ रुपए की धनराशि अवांछित भुगतान बैंक से खाता धारक के द्वारा चुने गए बैंक अकाउंट में भेज दिए जाएंगे।