निबंध किसी विषय पर एक लेखक के विचारों या दृष्टिकोण की संतुलित प्रस्तुति है, जिसमें वह संबद्ध विषय के पक्ष और विपक्ष दोनों की विस्तृत विवेचना करता है इसलिए एक प्रकार से यह कहा जा सकता है कि एक निबंध में, लेखन की किसी अन्य विधा की अपेक्षा, अधिक वैयक्तिक झुकाव होता है। अतः कोई पूछ सकता है कि, इस पुस्तक में किसी व्यक्ति के निजी विचारों को शामिल करने की क्या आवश्यकता है? वास्तव में इस पुस्तक, निबंध बोध, का उद्देश्य किसी के निजी विचार प्रस्तुत करना नहीं, वरन परीक्षार्थियों/पाठकों के समक्ष निबंध लेखन शैली का उदाहरण प्रस्तुत करना है, जैसा कि प्रतियोगी परीक्षाओं के कई अभ्यर्थी श्रेष्ठ निबंध लेखन की शैली से अनभिज्ञ होते हैं। यद्यपि यह पुस्तक शैलीगत विशेषताओं की जानकारी के अलावा, प्रत्येक विषय पर पाठक को निश्चित रूप से एक दृष्टिकोण प्रदान करती है। पुस्तक संबंधी विशिष्टताएं हैं—
- पुस्तक का परिचय: एक नवीन निबंध लेखन हेतु, निबंध के अपरिहार्य पहलुओं तथा प्रत्येक विषय पर निबंध रचना करते समय स्मरण रखे जाने वाले महत्वपूर्ण बिंदुओं का विवेचन करता है।
- इस पुस्तक में सार्वभौमिक रूप से प्रासंगिक विषयों के अतिरिक्त राजनीतिक, आर्थिक, सामाजिक, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, पर्यावरण जैसे व्यापक महत्व के विषयों से संबंधित निबंधों का समावेश किया गया है।
- पुस्तक में प्रत्येक निबंध से पूर्व उसके विषय-विस्तार हेतु सहायक रूपरेखा दी गई है।
- प्रत्येक निबंध, विशिष्ट दृष्टिकोण या तर्क प्रस्तुत करता है।
- प्रस्तुत निबंध, निबंध लेखन की विभिन्न शैलियों को समाविष्ट करते हैं, ताकि पाठक निबंध लिखने की बारीकियों से परिचित हो सके।
- पुस्तक के अंत में प्रसिद्ध उद्धरण के तहत विश्व के प्रसिद्ध वक्ताओं/ग्रंथों की उक्तियों का एक संक्षिप्त संग्रह दिया गया है। विद्यार्थियों द्वारा निबंध लेखन करते समय उपयुक्त संदर्भ तथा अर्थ में सतर्कतापूर्वक इनका प्रयोग न केवल निबंध को रोचक एवं सारगर्भित बनाएगा, बल्कि उनके लिए अत्यधिक लाभप्रद भी होगा।
यह पुस्तक निबंध की परीक्षागत जरूरतों के दृष्टिगत विभिन्न प्रतियोगियों तथा विभिन्न प्रकार के निबंधों में रुचि रखने वाले पाठकों के लिए उपयोगी सिद्ध होगी।