रस-चिन्तन के नये आयाम

द्वितीय संस्करण 2017

ISBN: 81-7930-641-0

पेज संख्याः 336

बाईंडिंगः हार्डबाउण्ड

पुस्तक के बारे में…

रस-सिद्धांत के हर पहलू रसवदादि, साधारणीकरण, रस-निष्पत्ति, रसों की मूल्यांकन क्षमता, रस-संख्या आदि के संदर्भ में अनेक नवीन स्थापनाएं इस पुस्तक में हैं। सामाजिक मानसिकता का साधारणीकरण, नाटक, काव्य और नयी कविता के साथ रस-सिद्धांत के अन्तः संबंधों का पुनर्विश्लेषण, नवरसों के साथ वत्सल, भक्ति, प्रकृति, देशभक्ति प्रेयान् (सख्य) और कार्पण्य रसों की तार्किक स्वीकृति, नाट्यरस, काव्यरस, भावरस, रसानन्त्यवाद आदि की अवधारणाओं पर पुनर्विचार तथा भारतीय एवं पाश्चात्य काव्यवादों के साथ रस-सिद्धांतों की तुलना में प्रस्तुत ग्रंथ की नवीनता लक्षित की जा सकती है। पुस्तक विद्वानों, प्राध्यापकों, शोधकर्ताओं, विद्यार्थियों एवं काव्यशास्त्र में रुचि रखने वालों के लिए समान रूप से उपयोगी है।

Click here for Contents

Original price was: Rs.675.00.Current price is: Rs.439.00.

Pin It on Pinterest

Share This