वर्ष 2018 के लिए संयुक्त राष्ट्र ने मानवीय सहायता हेतु रिकॉर्ड 22.5 बिलियन राशि की अपील की है। यह सहायता राशि विश्व के 136 मिलियन में से 91 मिलियन लोगों के लिए जुटाने का लक्ष्य बनाया गया है, जो सर्वाधिक असुरक्षित हैं। केवल सीरिया तथा यमन में 10 बिलियन से अधिक लोगों को मानवीय सहायता की आवश्यकता है। संयुक्त राष्ट्र ने कहा कि, कई अफ्रीकी देशों में भी ऐसी आवश्यकताओं में बढ़ोत्तरी हो रही है। विवादों के चलते अफ्रीकी तथा मध्य-पूर्व के देशों में मानवीय सहायता की आवश्यकता पांच प्रतिशत से अधिक हो गई है। जितनी सहायता राशि का जो लक्ष्य तय किया गया है वह पिछले साल निवेदन की गई सहायता राशि से एक प्रतिशत अधिक है। वर्ष 2017 के नवम्बर के अंत तक एजेंसी द्वारा 13 बिलियन डॉलर जुटाए गए जो कि संयुक्त राष्ट्र के अनुसार जुटाए गए धन का एक रिकॉर्ड है।

सीरिया के युद्ध से उपजी समस्याओं के लिए जुटाए गए धन का एक-तिहाई भाग उपयोग में लाया जाएगा। सहायता राशि में से 3.5 बिलियन डॉलर युद्धग्रस्त देशों में मानवीय सहायता पहुंचाने के लिए उपयोग किया जाएगा जबकि 4.2 बिलियन डॉलर की सहायता राशि उन 5.4 मिलियन पंजीकृत शरणार्थियों की सहायता में उपयोग की जाएगी जो सीरिया के पास के देशों में जा चुके हैं।

संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, यमन जहां सर्वाधिक मानवीय आपदा को झेलना पड़ रहा है, के लिए 2.5 बिलियन डॉलर की आवश्यकता है, जिससे उन लोगों को सहायता पहुंचाई जा सके जो अत्यंत खराब स्थिति में जीवनयापन कर रहे हैं। कांगो, इथोपिया, नाइजीरिया, सोमालिया, दक्षिण सूडान तथा सूडान पीड़ितों को सहायता देने के लिए प्रत्येक में एक बिलियन डॉलर से अधिक की आवश्यकता है।

संयुक्त राष्ट्र ने यह भी कहा कि कुछ देशों जैसे कि अफगानिस्तान, इथोपिया, ईराक, माली, यूक्रेन में मानवीय सहायता की आवश्यकताओं में कमी आई है।

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