यूनेस्को के सांस्कृतिक अधिकारियों द्वारा इक्वाडोर के कारीगरों द्वारा बनाई जाने वाली किनारेदार टोपियों को मान्यता प्रदान की। ये कारीगर इन टोपियों को दक्षिण अमरीकी टोकिला पाम पौधे की पुआल से बनाते हैं। इन टोपियों को सामान्यतः पनामा हैट के नाम से जाना जाता है। इन टोपियों का नाम ‘पनामा हैट’ शायद इसलिए पड़ा होगा क्योंकि ये टोपियां पनामा के पास उन लोगों को बड़ी संख्या में बेची गई जो इस क्षेत्रा में अप्रत्याशित लाभ कमाने आते थे। इन किनारेदार टोपियों का उत्पादन अब भी घरों में परिवारों द्वारा किया जाता है। इस उद्योग का केंद्र पनामा शहर से 170 किमी दूर एक जिलाला पिंटाडा है। इन टोपियों में कुछ भी कृत्रिम नहीं लगाया जाता, न ही इसमें कोई मशीनरी का प्रयोग किया जाता है। इसे बनाने के लिए कोई फैक्ट्री भी नहीं है। इन टोपियों को बनाने वाले कारीगर अपने घरों में उन्हीं पद्यतियों से इन टोपियों को बनाते हैं, जो उन्हें पूर्वजों ने सिखाई है। इन टोपियों को बनाने की शुरूआत कई पेड़ों के रेशों की चोटी बनाने से की जाती है, जिन्हें लकड़ी के ढांचे के ऊपर लपेटा जाता है और फिर एक साथ टोपी के ऊपरी हिस्से से मिला दिया जाता है।

रेशे की कई पट्टियों को काला रंगा जाता है जो कि अन्य पौधों की पत्तियों से प्राप्त किया जाता है। इसके बाद मिट्टी में तीन दिन के लिए दबा कर रख दिया जाता है। इन रेशों को अलग-अलग ज्यामितीय डिजाइनों में बुना जाता है।

ये पिंटाओ टोपियां पूरे क्षेत्रा के परिधानों का एक अभिन्न अंग बन गई हैं और इन्हें पारंपरिक नृत्यों और त्योहारों में पहना जाता है। काम की गुणवत्ता के अनुसार, कुछ पिंटाओ टोपियों की कीमत कई सौ डॉलर तक होती है।

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