13 नवंबर, 2017 को, सरकार ने ‘भारत युवा विकास सूचकांक और रिपोर्ट 2017’ जारी किया।

भारत युवा विकास सूचकांक 2017 और संबंधित रिपोर्ट राजीव गांधी राष्ट्रीय युवा विकास संस्थान (आरजीएनआईआईडी), श्रीपेरंबुदुर, तमिलनाडु द्वारा तैयार की गई है।
• राज्यों के युवा विकास में रुझानों को ट्रैक करने के उद्देश्य से सूचकांक का निर्माण किया गया है।
• सूचकांक उच्च और निम्न निष्पादन करने वाले राज्यों को पहचानने में सक्षम बनाता है, कमजोर डोमेन की पहचान करता है और नीति निर्माताओं को राज्यों में युवाओं के विकास हेतु हस्तक्षेप के मुख्य क्षेत्रों की पहचान कराता है।
• सूचकांक युवा विकास उपलब्धियों का भी आकलन करता है। संसाधनों के न्यायपूर्ण आवंटन को सक्षम करने के लिए सूचकांक संदर्भ बिंदु भी प्रदान करेगा ।
• राष्ट्रीय युवा नीति (2014) में युवाओं को 15 से 29 वर्ष की आयु के रूप में परिभाषित किया गया है। यह आयु समूह भारत की आबादी का 27.5% है।
• यह रिपोर्ट भौगोलिक क्षेत्रों और श्रेणियों में तुलना को सक्षम करने के लिए काफी उपयोगी है, क्योंकि मानव विकास सूचकांक क्षेत्रों, राष्ट्रों और इलाकों में विकास की स्थिति का तुलनात्मक अध्ययन है।
• वैश्विक युवा विकास सूचकांक भारत युवा विकास सूचकांक से अलग है क्योंकि भारत के लिए YDI में एक नया क्षेत्र सामाजिक समावेश को भी जोड़ा गया है । भारतीय समाज में असमानताओं को दूर करने की दिशा में सामाजिक प्रगति की समग्रता का आकलन करने के लिए यह पैरामीटर जोड़ा गया है।
• वैश्विक युवा विकास सूचकांक 18 संकेतकों का समग्र सूचकांक है जो 183 देशों में युवा विकास पर सामूहिक रूप से बहु-आयामी प्रगति को मापता है। 2016 के ग्लोबल युवा विकास सूचकांक में भारत 183 देशों में 133 वें स्थान पर है।
• भारत के युवा विकास सूचकांक 2017 में, पहले 5 आयामों को वैश्विक YDI के समान रखा जाता है ये पांच आयाम शिक्षा, स्वास्थ्य और कल्याण , रोजगार और अवसर, राजनीतिक भागीदारी और युवा लोगों के लिए नागरिक भागीदारी है।
• राष्ट्रीय और राज्य स्तर पर भारतीय परिस्थितियों में युवा विकास को समझते हुए संकेतकों के महत्व के अनुसार संकेतकों और भार को अनुरूप बनाया गया है।

♦ प्रदीप गौतम 

 

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