चीन ने अमेरिका के इस दृष्टिकोण को गलत ठहराया है कि, पाकिस्तान ने अपनी जमीन पर पनपते आतंकवाद को समाप्त करने के लिए आवश्यक स्तर पर प्रयास नहीं किए। चीन के विदेशमंत्राी ने कहा कि, चीन ने हमेशा किसी एक देश पर आतंकवाद से सम्बद्ध होने के आरोप का विरोध किया है तथा हम इस बात पर भी सहमत नहीं हैं कि किसी एक देश पर आतंकवाद को समाप्त करने की सारी जिम्मेदारी है।

चीन ने अपने मित्रा राष्ट्र पाकिस्तान का समर्थन किया तथा कहा कि हम पहले भी इस बात को कह चुके हैं कि पाकिस्तान ने आतंकवाद के विरुद्ध लड़ाई में बहुत से बलिदान किए हैं। देशों को आतंकवाद के विरुद्ध लड़ाई में एक-दूसरे का साथ सम्मानपूर्वक देना चाहिए, ना कि एक-दूसरे के प्रयासों पर उंगली उठानी चाहिए। ऐसा रवैया आतंकवाद को हराने में काम नहीं आ पाएगा। जब-जब अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने पाकिस्तान को आतंकवाद को पनाह देने के लिए दोष दिया तब-तब चीन पाकिस्तान के समर्थन में आगे आया।

पाकिस्तान में चीन की एक बड़ी परियोजना चीन पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (सीपीईसी) का कार्य चल रहा है, जिसमें चीन ने 50 बिलियन डॉलर लगाया है। यही कारण है कि चीन नहीं चाहता कि पाकिस्तान के स्थायित्व में किसी प्रकार से कोई अड़चन आये। पाकिस्तान की सामाजिक, आर्थिक, राजनैतिक स्थिति का सीधा प्रभाव चीन की परियोजना पर पड़ सकता है।

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